hindisamay head


अ+ अ-

बाल साहित्य

चिड़िया

त्रिलोक सिंह ठकुरेला


घर में आती जाती चिड़िया।
सबके मन को भाती चिड़िया।।

तिनके लेकर नीड़ बनाती,
अपना घर परिवार सजाती,
दाने चुन चुन लाती चिड़िया।
सबके मन को भाती चिड़िया।।

सुबह सुबह जल्दी जग जाती,
मीठे स्वर में गाना गाती,
हर दिन सुख बरसाती चिड़िया।
सबके मन को भाती चिड़िया।।

कभी नहीं वह आलस करती,
मेहनत से वह कभी न डरती,
रोज काम पर जाती चिड़िया।
सबके मन को भाती चिड़िया।।

हँसना, गाना कभी न भूलो,
साहस हो तो नभ को छूलो,
सबको यह सिखलाती चिड़िया।
सबके मन को भाती चिड़िया।।


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ